गोरखपुर में शहीद को अंतिम विदाई:जवान बेटे को पिता ने दी मुखाग्नि, मां बोली- मेरे लाल तुमने तोड़ दिया वादा,लगे अमर रहें के नारे
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में हुए आतंकी हमले में शहीद गोरखपुर के लाल नवीन सिंह को गुरुवार को जिले के कालेसर मोक्षधाम में नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान वहां मौजूद हर किसी ने शहीद को श्रद्धाजंलि दी। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोगों को भारी हुजूम उमड़ पड़ा। बुधवार की रात करीब दो बजे शहीद का पार्थिव शरीर उनके जिले स्थित सहजनवां भगवानपुर बरडाढ़ गांव पहुंचा। सुबह यहां से 'भारत माता की जय' और 'शहीद नवीन सिंह अमर रहें' के नारों के साथ शहीद के पार्थिव शरीर को सेना के वाहन पर रखकर अंतिम यात्रा निकाली गई।
पिता ने दी शहीद को मुखाग्नि
शहीद के पिता जयप्रकाश सिंह ने अपने जवान बेटे को मुखाग्नि दी। हालांकि, कोविड की वजह से सेना द्वारा शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जा सका। सेना की ओर से बुधवार को ही यह कहा गया था कि शहीद का पार्थिव शरीर पहले कूड़ाघाट स्थित आर्मी हेडक्वार्टर आए और यहां सलामी देने के बाद अंतिम संस्कार के लिए भेजा जाए, लेकिन परिवार के लोग इसके लिए तैयार नहीं हुए। उनका पार्थिव शरीर देर रात उनके गांव भगवानपुर बरडाढ़ ले जाया गया। यहीं से सुबह कालेसर मोक्षधाम पर ले जाकर अंतिम विदाई दी गई।
मां व भाई दर्द देख छलक उठे गांव आंसू
देर रात शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। भाई विकास सिंह और मां ऊषा सिंह का दर्द और चीख-पुकार सुन आसपास के हजारों लोग जमा हो गए। शहीद का भाई रोते-रोते बोला कि सुबह नवीन से मेरी फोन पर बात हुई थी, उसने कहा था मैं 7 जून को गांव आ रहा हूं। फिर दोनों भाई चलकर कार खरीदेंगे। अब मैं अकेला कार कैसे खरीदूंगा...वहीं, मां ऊषा सिंह बिलखते हुए कह रही थी कि नवीन तुमने वादा किया था, मकान बनवाने के लिए बैंक से ली गई लोन भी जल्दी चुका दोगे, लेकिन तुमने वादा तोड़ दिया। भाई की नौकरी भी लग जाएगी, फिर परिवार में सिर्फ खुशियां ही खुशियां होंगी। लेकिन तुमने तो सिर्फ दर्द दिया नवीन...सिर्फ दर्द। यह सबकुछ देख वहां मौजूद हर किसी का कलेजा फट गया। सभी की आंखें खुद को रोक नहीं पाई और छलक उठीं।
बड़ी बहन से था अधिक लगाव, परिवार का था सहारा
शहीद के परिवार में माता-पिता के अलावा एक भाई व दो बहने भी हैं। शहीद व उसके भाई विकास की शादी नहीं हुई है, जबकि बहनों की हो चुकी थी। बड़ी बहन से शहीद नवीन को ज्यादा लगाव था। जबकि भाई विकास के नौकरी को लेकर नवीन हमेशा चिंतित रहते थे। उसने वादा किया था कि पहले तुम्हारी नौकरी लगेगी, फिर शादी। परिवार में पिता की पेंशन के अलावा कमाने वाले सिर्फ नवीन ही अकेले थे।
इन लोगों ने दी श्रद्धाजंलि
शहीद को श्रद्धाजंलि अर्पित करने सांसद रवि किशन, भाजपा के पदाधिकारी प्रदीप शुक्ला, यूपी सरकार के दर्जा प्राप्त मंत्री विभ्राट सिंह कौशिक, सीओ चौरीचौरा, एसडीएम सहजनवा, आर्मी के अधिकारियों सहित हजारों की संख्या में लोग पहुंचे।
आंतकी हमले में शहीद हुए थे नवीन
24 मई को श्रीनगर में हुए आतंकी हमले में गोरखपुर का लाल कमांडो नवीन सिंह (23) शहीद हुआ। दरअसल, दस दिन पहले नवीन की कमांडो टीम ने एक ऑपरेशन में कुछ आतंकवादियों को मार गिराया था। 24 मई को नवीन अपनी टीम के साथ पहाड़ियों पर राशन पहुंचाने जा रहे थे। रास्ते में घात लगाकर बैठे आतंकवादियों ने काफिले पर फायर झोंक दिया। नवीन के सिर और पैर में गोली लगने से उनकी मौत हो गई। बता दें, नवीन डेढ़ साल से जम्मू श्रीनगर में तैनात थे।
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